Friday, June 14, 2013

लो जी ! अपनी भी सुनो

 लो जी ! अपनी भी सुनो , अब हम भी आ गए हैं हिंदी में ब्लॉग्गिंग करने , जी अंग्रेजी  में तो ५-६ साल से लिख रहे थे पर हिंदी में आज ही मन हुआ, पिता जी तो कई साल से अपना ब्लॉग लिखते हैं , अजी उनकी लिखी कुछ  कवितायेँ कटाक्ष करती हैं, कुछ दिल को छूती हैं , मतलब की अच्छा लिखते हैं , सो आज सोचा हम भी अपने पिता जी के क़दमों पर चलें ( अरे कोशिश तो कर लें :) ) पर पिता जी की तरह कविता नहीं लिखेंगे और न ही लिख पायेंगे क्योंकि हम तो सीमित (कविता लेखन) ही सोच पातें हैं, कविता लिखने के लिए बहुत सारा शब्दकोष ज्ञान और भावनायें चाहिये ।

तो फिर लिखेंगे क्या ?? अरे वही , जन साधारण वाली बातें क्योंकि हम एक आम आदमी हैं। आम आदमी से मेरा मतलब "Mango  man" जो की 85 %  आबादी है , वर्ना आज कल आम आदमी का मतलब या तो Delhi वाले केजरीवाल जी के समर्थक या फिर गुजरात के मोदी जी की तरह "CM - Common Man" हो गया है :) , ये ब्लॉग लिखने का कारण ये है के जो कुछ जिंदगी और समाज में हो रहा है वो हर चीज़ तो मैं Facebook पर तो डाल नहीं सकता, और लोगों के लाइक्स और कमेंट्स का इंतज़ार करूँ :)) सो मेरी ज़िन्दगी ....मेरा ब्लॉग ।

अपने बारे में ,और कुछ और बातें अगली पोस्ट में ,चलिये .. फिर मिलेंगे ... चलते चलते ....

1 comment:

  1. बेटा, ब्लॉग्गिंग नही इक खेल है,
    नूतन-पुरातन विचारों का मेल है ,
    लिख कर भूल जाओ आगे बढ़ो,
    कभी मत कहो कोई इसको पढो,
    समझो पोस्टों की अमर बेल हैं,
    आओ लिखो ऐसा प्रभावित हो सभी,
    पर ये है जैसे बालू में निकला 'तेल'है,
    ''कमलेश'की दुवा है लिखो खूब तुम,
    न लगे पोस्ट को तुम रहे 'ठेल''है....

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